हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँ -२ रस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ -२ हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँसारा गाँव मुझे रसिया कहे -२जो भी देखे मन्बसिया कहेहाय रे जो भी देखे मन्बसिया कहेसब की नज़रों का एक मैं ही दीदार हूँरस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ …{कोई… Continue reading हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँ