ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आए जो दीन दुखी, सबको गले से लगाते चलो जिसका न कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा… आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है… Continue reading ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो