तुम ने किसी की जान को जाते हुए देखा हैवो देखो मुझसे रूठकर, मेरी जान जा रही हैक्या जाने किस क़ुसूर की, दी हैं मुझे सज़ाएंदीवाना कर रही हैं, तौबा शिकन अदाएंज़ुल्फ़ों में मुँ छुपाकर, मुझको लुभा रही हैघबरा रही है ख़ुद भी, बेचैन हो रही हैअपने ही ख़ून-ए-दिल में दामन डुबो रही हैबेजान रह… Continue reading तुम ने किसी की जान को जाते हुए देखा है