बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया सब की आँखों का तारा मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया   … जमना तट पर नन्द का लाला जब जब रास रचाये रे तन मन डोले कान्हा ऐसी बंसी मधुर बजाये रे सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ जाने कैसा जादू डारा… Continue reading बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया

Ai Malik Tere Bande Hum

ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम, तो अमावस को कर दे पूनम… Continue reading Ai Malik Tere Bande Hum

ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो

ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आए जो दीन दुखी, सबको गले से लगाते चलो जिसका न कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा… आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है… Continue reading ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो

ऐ मालिक तेरे बंदे हम

ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुये निकले दम जब ज़ुल्मों का हो सामना तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें हम भलाई भरें नहीं बदले की हो कामना बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम नेकी… Continue reading ऐ मालिक तेरे बंदे हम

Sign Up For Newsletter

Contact Us and let us know if you have any questions, Don't forget to subscribe for more awesome stuff by typing mail bellow.

Contact Us

Do you have any idea in your mind? Drop us a line.