जब इश्क़ कहीं हो जाता है

आदाब अर्ज़ है (2)तसलीम (2)जब इश्क़ कहीं हो जाता हैतब ऐसी हालत होती हैमहफ़िल में जी घबराता हैतन्हाई की आदत होती हैजब इश्क़ कहीं हो जाता हैतब ऐसी हालत होती हैमहफ़िल में जी घबराता हैतन्हाई की आदत होती हैजब इश्क़ कहीं हो जाता है हाँ ये इश्क़ छुपायेछुप ना सकाये इश्क़ वो चलता जादू हैहायकुछ… Continue reading जब इश्क़ कहीं हो जाता है

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